रतलाम शहर के पत्रकारों का एक सपना था कि अपना आलीशान भवन हो। पत्रकार साथियों की लगन, मेहनत और जिद ने यह सपना भी साकार कर दिया। आज पॉवर हाउस रोड पर 40 बाय 60 वर्ग फीट के भूखण्ड पर तीन मंजिल की सुसज्जित इमारत "पत्रकार भवन" के रूप में खड़ी है। पत्रकार भवन के सपने को साकार रूप देने में रतलाम प्रेस क्लब को काफी संघर्ष करना पड़ा। भूमि हासिल करने के दौरान कई बाधाएं भी आईं लेकिन पत्रकारों की एकता और सहयोग से यह सम्भव हो ही गया।
संस्था के पंजीयन के बाद तत्कालीन महापौर जयंतीलाल जैन ने प्रेस क्लब को नगर सुधार न्यास के भवन में मात्र 1 रुपये प्रतिमाह के किराए पर एक कमरा उपलब्ध करा दिया था। रतलाम प्रेस क्लब की सारी गतिविधियां यहीं से संचालित होती थीं। श्री (स्व.) सुरेश पंड्या के कार्यकाल में ही प्रेस क्लब ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह के समक्ष पत्रकार भवन के लिए रियायती दर पर भूमि उपलब्ध कराने की मांग रख दी। पत्रकारों की इस मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए तत्कालीन विधायक शिवकुमार झालानी ने भी मुख्यमंत्री श्री सिंह से यह मांग स्वीकार करने का आग्रह किया। श्री सिंह ने जिला प्रशासन को इसके लिए आदेशित किया। जिसके चलते जिला प्रशासन ने शहर के अलग-अलग क्षेत्र में स्थित नजूल की भूमि चिह्नित कर रतलाम प्रेस क्लब के समक्ष चयन का प्रस्ताव रखा। अंत में पॉवर हाउस रोड पर प्रशासन ने 40 बाय 60 वर्गफीट का भूखण्ड रियायती दर पर आवंटित कर दी।
भूमि तो आवंटित हो गई थी लेकिन पत्रकार भवन का संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ था। भूखण्ड का कब्जा प्राप्त करने के लिए 1,50,000 (एक लाख पचास हज़ार) रुपए भूखण्ड की कीमत और 15,000 (पंद्रह हजार) रुपए प्रीमियम के भरने जरूरी थे लेकिन प्रेस क्लब के पास प्रीमियम जितनी भी राशि नहीं थी। ऐसे में राशि जमा करने की आखिरी तारीख दो बार आगे बढ़ानी पड़ी। 1996 में मेरे अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान कार्यसमिति एवं वरिष्ठ साथियों के काफी प्रयासों के बाद एक व्यापारी ने प्रेस क्लब को 3,00,000 (तीन लाख) रुपए उधार दिए। इस तरह 1,65,000 (एक लाख पैंसठ हज़ार) रुपए चुकाकर संस्था ने भूखण्ड का कब्जा हासिल किया।
इसके बाद भी प्रेस क्लब के संघर्ष कहां खत्म होने वाला था। भूखण्ड का कब्जा लेने के बाद एक व्यक्ति द्वारा इस भूखण्ड को स्वयं की मालिकी का बताते हुए प्रेस क्लब पदाधिकारियों के खिलाफ स्टेशन रोड थाने में अवैध कब्जा करने का प्रकरण दर्ज करवा दिया गया। हालांकि, पत्रकारों की एकजुटता के कारण प्रकरण खारिज हुआ और पत्रकार भवन का रास्ता साफ हो गया।
वर्ष 2000 में महामहिम राज्यपाल श्री (स्व.) भाई महावीर ने पत्रकार भवन का भूमि पूजन किया और 2004 में मुख्यमंत्री द्वारा प्रदत्त सहयोग राशि से भवन निर्माण शुरू हो गया। 2 वर्ष में पत्रकार भवन की तल मंजिल बनकर तैयार हो गई। जनप्रतिनिधियों, जनसहयोग तथा शासन के सहयोग से द्वितीय तल पर भी कमरों का निर्माम हो चुका है। भूखण्ड के कब्जे से लेकर भवन निर्माण तक प्रेस क्लब के सदस्यों की एकता और समन्वय मिसाल बनकर सामने आई। पत्रकार भवन की राह आसान बनाने में श्री (स्व.) प्रकाश उपाध्याय, श्री (स्व.) सुरेश पंड्या, श्री शरद जोशी, श्री (स्व.) सुशील नाहर, श्री दिलीप पाटनी, श्री उमेश मिश्र, श्री रमेश टांक, श्री राजेश मूणत, श्री तेजमल लोढ़ा की विशेष सक्रियता महत्वपूर्ण रही।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं रतलाम प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष हैं)
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