रतलाम की पत्रकारिता के इतिहास में एक ऐसी शख़्सियत का ज़िक्र करना भी ज़रूरी है जिसका पत्रकारिता जीवन भले ही अल्पकालिक रहा हो लेकिन उन्होंने जितने समय भी पत्रकारिता की उतने समय में पत्रकारिता के मापदंड ही बदल दिए। कांग्रेस की राजनीति से पत्रकारिता के क्षेत्र में चौथा संसार समाचार पत्र में 15 दिसम्बर, 1988 से कदम रखने वाले श्री राजेंद्र भंडारी जी को भी याद करना ज़रूरी है। हालाँकि, वे कुल चार साल चार महीने और चार दिन पत्रकारिता क्षेत्र में रहे लेकिन इस अल्प समय में उन्होंने पत्रकारिता की वास्तविक परिभाषा को जीवंत बना दिया।
निर्भीक और बेबाक पत्रकारिता से रतलाम की पत्रकारिता में नए आयाम स्थापित करते हुए वे शहर की पत्रकारिता में प्रतियोगिता को जन्म दे गए। उन्होंने रतलाम के पत्रकारों में एकजुटता का मंत्र फूंककर रतलाम प्रेस क्लब को पुनर्गठित कर संस्था को पंजीकृत करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रतलाम प्रेस क्लब स्व. राजेंद्र जी भंडारी को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
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