1990 के दशक और उसके बाद की पत्रकारिता में हिंदी पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान राह है। इस दौरान कई बड़े और हिन्दी समाचार पत्रों का प्रकाशन भी शुरू हुआ। ऐसा ही कुछ बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र जैन।
पत्रकारिता सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है बल्कि यह एक मिशन है। रतलाम में आज भी पत्रकारिता मिशन के रूप में ही हो रही है। आइये, जानते हैं कि एक वरिष्ठ पत्रकार को नए दौर की पत्रकारिता से क्या उम्मीद है ?
रतलाम का पत्रकार भवन रतलाम प्रेस क्लब के पदाधिकारियों और सदस्यों की दृढ़ इच्छाशक्ति, मजबूत इरादों, जिद और जुनून की मिसाल है। पढ़िए, भवन के लिए कलमकारों के संघर्ष की कहानी।