रतलाम में पत्रकारिता एक तरह की साधना है। समाचारों का सत्य एवं संपूर्ण प्रेषण रतलाम की पत्रकारिता की परम्परा रही है। रतलाम की पत्रकारिता ने सदैव विकास एवं सकारात्मक गतिविधियों और परिवर्तनों को जहां ऊर्जा प्रदान की है, वहीं नकारात्मक परिदृश्य के विरुद्ध भी मुखर रही है। सामाजिक व आर्थिक मूल्य में बड़े बदलाव के बावजूद रतलाम की पत्रकारिता आज भी एक मिशन का बोध कराती है।
37 वर्षों से अधिक समय से ‘फ्री प्रेस’ तथा पूर्व में लगभग 10 वर्षों तक ‘जनसत्ता’ नई दिल्ली के लिए संवाददाता के रूप में रतलाम में कार्य करने का अनुभव यही है कि यहां पत्रकारिता में प्रतिस्पर्धा एक स्वस्थ परम्परा को सहेजे हुए है जिसका अंतिम लक्ष्य शीघ्र व सत्य समाचारों का संप्रेक्षण कर पाठकों की अपेक्षा पर खरा उतरना है।
पत्रकारिता के 37 वर्षों से अधिक के सफर में वर्ष 2003-2007 तक दो मर्तबा रतलाम प्रेस क्लब के अध्यक्ष रूप में कार्य करने का अवसर मिला जो सदैव स्मरणीय रहेगा। मन-मस्तिष्क में सदैव यह एहसास होता था कि ‘रतलाम प्रेस क्लब’ का स्वयं का भवन रतलाम में पत्रकारिता की सुदृढ़ता व गतिविधियों के लिए अति आवश्यक है। 7 दिसंबर 2006 को रतलाम प्रेस क्लब भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान के हाथों संपन्न हुआ। सभी के सहयोग व सामूहिक प्रयासों से रतलाम प्रेस क्लब भवन का बहुप्रतीक्षित लक्ष्य हासिल हुआ।
पत्रकारिता चाहे प्रिंट मीडिया की हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की, रतलाम में तो पत्रकारिता कल भी मिशन थी और आज भी एक मिशन है। उम्मीद यही है कि आने वाले समय में भी एक मिशन के रूप में ही बदस्तूर कायम रहेगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं रतलाम प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष हैं)
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