अद्भुत लेखन कला और पारिवारिक परिवेश से ही जन समस्याओं को उठाने के संस्कारों के धनी स्व. श्री रमाकांत शुक्ल का पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश 9 वर्ष की अल्पायु में ही उस समय हो गया था जब पिता वरिष्ठ पत्रकार श्री रामनाथ शुक्ल के साथ चैमुखीपुल स्थित जैनोदय प्रिटिंग प्रेस में दैनिक मालवा में जाते थे। वहां आपने समाचार-पत्र से जुड़े प्रत्येक पहलू को सूक्ष्मता से देखा और आत्मसात किया।
सन् 1938 में महू इन्दौर में जन्मे श्री शुक्ल वरिष्ठ पत्रकार, संपादक स्व. श्री देवकृष्ण व्यास के सान्निध्य में दैनिक ‘नई दुनिया’ रतलाम में समाचार लेखन का कार्य प्रांरभ किया। इसके पश्चात अनेक दैनिक समाचार पत्रों से जुड़ रहे जिनमें दैनिक ‘नवज्योति’ अजमेर, श्री बाबूलाल जी खंडेलवाल द्वारा प्रकाशित ‘जागते रहो’ प्रमुख हैं। स्वतंत्र लेखन आपने ‘देशबंधु’, ‘विश्वभ्रमण’, ‘नवभारत’, ‘चेतना’ आदि समाचार-पत्रों में किया। आप ‘समय जगत’ के ब्यूरोचीफ भी रहे। अपनी लेखनी के माध्यम से अनेक जनसमस्याओं को उठाया एवं आजीवन सक्रिय रहे। आपका देवलोकगमन 6 मई 2018 को हुआ।
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